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लेखनी कहानी -04-Nov-2023

*क्या हुआ आसमान नहीं है*

मैं पंख फैलाने की तो कोशिश करूंगी 
भले कम उड़ सकूं या ज्यादा
रुकना गंवारा नही मुझे।

मैं आसमान छुने की नहीं ,
परिंदा बनने की कोशिश करुंगी 
क्या हुआ आँखे नही है तो..
मैं दिल से पढ़ने की कोशिश करुंगी 
क्या हुआ कागज का साथ नही है
मैं कलम से पत्तो पर लिखने की कोशिश करुंगी.
लेकिन मुझे रुकना नही है।

नौशाबा जिलानी सुरिया

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4 Comments

Gunjan Kamal

07-Nov-2023 10:19 PM

👌👏

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Naushaba Suriya

10-Nov-2023 04:18 PM

Thank you 🙏

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Varsha_Upadhyay

05-Nov-2023 10:03 PM

Nice 👍🏼

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Naushaba Suriya

10-Nov-2023 04:18 PM

Thank you 🙏

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